नई दिल्ली, सितम्बर 2025: वेफर फैब्रिकेशन उपकरण और सेवाओं में वैश्विक अग्रणी लैम रिसर्च ने भारतीय विज्ञान संस्थान और उसकेसेंटर फॉर नैनो साइंस एंड इंजीनियरिंग के साथ अपनी साझेदारी के 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए नई दिल्ली में सेमिकॉन इंडिया 2025 के दौरान एक विशेष समारोह आयोजित किया गया।
लैम रिसर्च इंडिया के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर रंगेश राघवन ने कहा, “लैम का उद्देश्य दुनिया भर के विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग करके छात्रों को शुरुआती स्तर पर सीखने का अवसर देना और उन्हें भविष्य की प्रतिभा के रूप में तैयार करना है। भारत मेंIISc के साथ हमारी साझेदारी न केवल तकनीकी प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षाओं को भी मज़बूती देती है। हम मिलकर ऐसा मज़बूत इकोसिस्टम बना रहे हैं जो छात्रों को सक्षम बनाएगा और देश के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।”
लैम और IISc का रिश्ता वर्ष 2014 में संस्थान के इंडस्ट्री एफिलिएट प्रोग्राम से शुरू हुआ था और पिछले दशक में यह साझेदारी लगातार मज़बूत होती गई। अपने ग्लोबल अनलॉक आइडियाज़ प्रोग्राम के तहत, लैम इंडिया, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष केMTech छात्रों को IISc के प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में थर्मल मैनेजमेंट, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और इक्विपमेंट इंटेलीजेंस® जैसे उन्नत विषयों पर काम करने का अवसर देता है।
जुलाई 2023 में, लैम रिसर्च ने IISc के CeNSE के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत सेमीवर्स सॉल्यूशन्स औरसेमुलेटर3D सॉफ्टवेयर सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके एक पायलट प्रोग्राम शुरू किया गया। इसके बाद इसे भारत सेमीकंडक्टर मिशन के साथ त्रिपक्षीय समझौते के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित किया गया, जिसका लक्ष्य अगले 10 वर्षों में 60,000 छात्रों को प्रशिक्षित करना है।
CeNSE के चेयरमैन प्रो. अम्बरीश घोष ने कहा, “एक मज़बूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने की पहली शर्त है प्रतिभा का विकास। जैसे-जैसे भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, इस रफ़्तार को बनाए रखने के लिए प्रभावी स्किल डेवलपमेंट पार्टनरशिप बेहद ज़रूरी होंगी। हमें गर्व है कि हम लैम रिसर्च के साथ इस लंबी साझेदारी का हिस्सा हैं, जो इस उद्योग के भविष्य के लिए एक मज़बूत नींव तैयार कर रही है।”
यह साझेदारी उद्योग, शिक्षा और सरकार के सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में एक मज़बूत स्थान दिलाने में मदद करेगी।