मैंने अक्सर यह सुना है कि महिला को शिक्षित करो। अगर एक महिला शिक्षित होगी तो पूरा परिवार शिक्षित होगा। पर मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि हम अपनी इस सोच में बदलाव लाएं और महिलाओं को शिक्षित होने के परिणामस्वरूप होने वाली और भी पहलुओं पर ध्यान दें। महिला शिक्षित होगी तो जरूर पूरा परिवार शिक्षित होगा, साथ ही उसके खुद का भी विकास होगा।
एक शिक्षित महिला अपने आत्मसम्मान की रक्षा बेहतर तरीके से कर सकती है और समाज में भी वैसी स्त्रियों का सम्मान ज्यादा मिलता है। अब महिलाओं के शिक्षा से जुड़ी एक अहम बात, जिस पर मैं विशेष रूप से चर्चा करना चाहूँगी। एक महिला शिक्षित होगी तो उसे विभिन्न अवसरों की जानकारी प्राप्त होगी और वह भी पुरुष के तरह नौकरी करेगी और आत्मनिर्भर बनेगी। इससे ना केवल उनका मनोबल बढ़ेगा बल्कि वह अपने घर और देश की भी आथिर्क स्थिति में अपना योगदान दे सकेगी जिससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकती है।
महिलाओं का ज्यादा से ज्यादा शिक्षित होना देश के विकास के लिए जरूरी है।
वैश्वीकरण के इस दौर में यह बहुत जरूरी है कि महिलाएं भी आथिर्क रूप से स्वावलंबी पुरुषों की तरह ताकि वह भी पुरुषों के बराबर सामाजिक योगदान कर सकें। हमारे देश में 48% जनसंख्या महिलाओं की है। ऐसे में अगर महिलाएं बिल्कुल पीछे रहेंगी और आथिर्क दायित्व केवल पुरुष ही निभाएंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा?
हालांकि देखा जाए तो पिछले एक दशक में महिलाएं काफी आगे आयी हैं। हाल–फिलहाल में देखा जाए तो हमारे देश की सबसे कठिन परीक्षा संघ लोक सेवा की परीक्षा में भी टॉप स्थान पर महिला ही रही। इसी तरह खेल कूद के क्षेत्र में भी महिलाएं काफी नाम कर रही हैं और यहाँ तक की हमारी वर्तमान राष्ट्रपति भी एक महिला ही हैं।
यह सिर्फ महिलाओं का एक हिस्सा है सोचिए अगर सभी महिलाओं को समान अवसर मिले तो कितना कुछ कर सकती हैं और इससे देश को भी बहुत फायदा हो सकता है।
अगर हम एक दशक की अंतराल को ले कर, तुलना करें तो पहले 2011 के सेंसस के हिसाब से महिला शिक्षा दर 65.46% थी और तब कार्यरत महिलाओं की प्रतिशत 25.51% थी। 2021 में महिला शिक्षा दर बढ़कर 71.5% हो गई जिसके परिणामस्वरूप कार्यरत महिलाओं की प्रतिशत में वृद्धि आई जो कि अभी 29.4% ( PLFS July 2021-June 2022) पर पहुँची है। वृद्धि साफ-साफ हमने देखी परंतु, समय अंतराल को ध्यान में रखते हुए देखे तो यह वृद्धि काफी कम है।
सरकार को महिला शिक्षा के क्षेत्र में और भी ध्यान देने की जरूरत है ताकि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़े। शिक्षा से मैं केवल पढ़ाई लिखाई ही नहीं बल्कि खेल-कूद एवं अन्य प्रकार के शिक्षा का भी बात कर रही हुँ। साथ ही आम जन में भी, जागरूकता लाने की काफी आवश्यकता है क्योंकि, सरकार कितनी भी व्यवस्था कर दे पर, जब तक लोगों के बीच जागरूकता नहीं होगी कुछ भी सफल नहीं हो पाएगा।
हाल फिलहाल में भी 2023 के बजट में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘महिला सम्मान बचत पत्र’ योजना लायी गई पर शिक्षा के अभाव के कारण बहुत सारी महिलाओं को इन योजनाओं के बारे में पता भी नहीं चलता और फायदा कोई और उठा ले जाते हैं।
हालांकि हमें हताश होने की जरूरत नहीं है महिलाओं की स्थिति में काफी बदलाव आए हैं और आगे और भी बेहतर की उम्मीद है। बेहतर शिक्षा से महिलाओं में जागरूकता आएगी, आत्मनिर्भरता बढेगी और हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ेगी जिससे ना केवल उनके बल्कि देश के भी विकास में बढ़ोतरी आएगी।