पशुपालन मंत्री ने गांव बादल में सरकारी वेटरनरी पॉलिक्लिनिक में इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (आई.पी.डी.) वार्ड का किया उद्घाटन
इन पॉलिक्लिनिकों में सर्जरी, पोस्ट-ऑपरेटिव केयर, लैब टेस्ट, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सेवाएं की जाएंगी प्रदान
चंडीगढ़/लंबी, 17 अप्रैल
पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां द्वारा आज श्री मुक्तसर साहिब जिले के गांव बादल में सरकारी वेटरनरी पॉलिक्लिनिक में अत्याधुनिक इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) वार्ड का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही राज्य भर के छह वेटरनरी पॉलिक्लिनिकों में पशुओं के लिए इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) सेवाएं शुरू हो गई हैं।
इस उद्घाटन समारोह के दौरान इक्ट्ठ को संबोधित करते हुए स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि पटियाला, अमृतसर, संगरूर, गुरदासपुर और लुधियाना के वेटरनरी पॉलिक्लिनिकों में भी इनडोर सेवाएं शुरू करने के लिए सभी आवश्यक उपकरण प्रदान किए जा चुके हैं। इन पॉलिक्लिनिकों में पालतू जानवरों और पशुओं के लिए कई प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें गंभीर बीमारी प्रबंधन, सर्जरी, पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल, रूटीन चेक-अप, डायग्नोसिस (लैब टेस्ट, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड) और अन्य सेवाएं शामिल हैं।
आज छह पॉलिक्लिनिकों में शुरू की गई आईपीडी सेवाओं के महत्व को उजागर करते हुए स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि ये पॉलिक्लिनिक पशुपालकों को उनके पशुओं के लिए आवश्यक देखभाल और उपचार प्रदान करेंगे। पहले वेटरनरी पॉलिक्लिनिकों में इनडोर सुविधाओं की कमी के कारण पशुपालकों को जानवरों की सर्जरी के बाद कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। कई बार टांके खराब हो जाते थे, टांके खुल जाते थे, संक्रमण का सामना करना पड़ता था और कई बार तो जानवरों की मौत भी हो जाती थी, जो कि गंभीर चिंता का विषय था। किसानों के पास अक्सर अपने पशुओं का उपचार करवाने के लिए उचित साधनों की भी कमी थी।
इन मुद्दों को हल करने के लिए मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने राज्य के छह जिलों के वेटरनरी पॉलिक्लिनिकों में आईपीडी वार्ड स्थापित किए हैं, जहां जानवरों को पूरी तरह ठीक होने तक दाखिल रखा जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि इन पॉलिक्लिनिकों में विशेष देखभाल भी मुहैया कराई जाएगी, जिसमें ऑब्ज़र्वेशन वार्ड और पुनर्वास कार्यक्रम शामिल हैं।
स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने पशु मालिकों से भी आग्रह किया कि वे अपने पशुओं को मुँह-खुर बीमारी (एफएमडी) से बचाने के लिए टीकाकरण करवाएं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 65 लाख से अधिक पशुओं को मुँह-खुर की बीमारी से बचाने के लिए राज्यव्यापी टीकाकरण मुहिम शुरू की है। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग ने मई 2025 के अंत तक इस कार्य को पूरा करने के लिए 1600 से अधिक टीमों का गठन किया है। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की कि वे अपने पशुओं को सेक्स सॉर्टेड सीमन के साथ इनसेमिनेट कराएं ताकि राज्य में उच्च नस्ल के पशुओं का उत्पादन करके आवारा पशुओं की समस्या का हल किया जा सके।
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जी.एस. बेदी ने विभाग के प्रमुख सचिव श्री राहुल भंडारी की अगुवाई में विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसमें 97 तहसीलों और 22 पॉलिक्लिनिकों में साँप के जहर के खिलाफ उपचार की सुविधा, राज्य में मुफ्त डिवॉरमिंग मुहिम, घोड़ों के लिए मुफ्त एंटी टेटनस टीकाकरण और पंजाब में पालतू जानवरों की दुकानों और ब्रीडरों की रजिस्ट्रेशन शामिल है। उन्होंने नागरिकों से पशुओं की भलाई के लिए विभाग द्वारा शुरू की गई योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की।