प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों कैरेबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो के दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने न सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती दी, बल्कि एक ऐसा भावनात्मक संदेश भी दिया जो भारत खासकर बिहार की राजनीति में दूरगामी असर डाल सकता है।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला बिसेसर को “बिहार की बेटी” कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा,
“कमला जी के पूर्वज भारत के बिहार से हैं। वे आज त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री हैं, लेकिन उनका दिल आज भी भारत के लिए धड़कता है। वे बिहार की बेटी हैं और इस नाते हम सभी के लिए गर्व की बात है।”
यह बयान एक ओर जहां भारत और त्रिनिदाद के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को उजागर करता है, वहीं दूसरी ओर इसे बिहार में आगामी चुनावों के संदर्भ में एक भावनात्मक कार्ड के तौर पर भी देखा जा रहा है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
कमला बिसेसर उन लाखों भारतीयों की संतान हैं जिनके पूर्वज 19वीं सदी में गिरमिटिया मजदूरों के तौर पर भारत (खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश) से कैरेबियाई देशों में ले जाए गए थे। आज भी त्रिनिदाद और टोबैगो की एक बड़ी आबादी भारतीय मूल की है, और वहां की संस्कृति में भारत की गूंज साफ सुनाई देती है।
राजनीतिक विश्लेषण:
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बयान के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक डिप्लोमैटिक स्ट्रोक के साथ-साथ घरेलू राजनीति में भी एक सधा हुआ संदेश दिया है। खासकर बिहार में चुनावी माहौल को देखते हुए यह बयान मतदाताओं के दिल को छूने वाला हो सकता है।