शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल संभाग में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद श्रीराम हेल्थ केयर सेंटर में हो रही लापरवाही और बिना डिग्री के डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे इलाज की निष्पक्ष जांच नहीं की जा रही।
बिना डिग्री के डॉक्टर कर रहे इलाज, मरीजों की मौतें जारी
शहडोल के श्रीराम हेल्थ केयर सेंटर में बिना डिग्री के डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा है, जिससे कई मरीजों की जान जा चुकी है। खासकर डिलीवरी और डायलिसिस के दौरान महिलाओं की मौतें हो रही हैं। बावजूद इसके, प्रशासन इस अस्पताल के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा।
हत्यारे प्रबंधक को बचाने में जुटी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग
शिकायतकर्ता द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद प्रशासन ने जांच का नाटक किया, लेकिन वास्तविकता यह है कि शहडोल संभाग के स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन ने श्रीराम हेल्थ केयर सेंटर के प्रबंधक विजय द्विवेदी को बचाने के लिए फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार की। सीएमएचओ एमएस सागर और एडिशनल एसपी मुकेश कुमार वैश्य पर आरोप है कि उन्होंने आरोपी को अपने केबिन में बैठाकर उसकी बातें सुनकर उसके पक्ष में रिपोर्ट तैयार कर दी, जबकि शिकायतकर्ता से कोई बयान तक नहीं लिया गया।
शिकायतकर्ता के साथ अभद्रता, न्याय की मांग
शिकायतकर्ता जब एडिशनल एसपी मुकेश कुमार वैश्य से मिलने गया तो उन्होंने न केवल उसके आवेदन को फेंक दिया बल्कि उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन मामले को दबाने में लगा हुआ है।
बिहार पुलिस ने दिखाई तत्परता, मध्य प्रदेश प्रशासन कर रहा लीपापोती
बिहार के सारण जिले में इसी तरह के एक मामले में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बिना डिग्री के डॉक्टर अजीत कुमार गिरि को गिरफ्तार कर लिया। गणपति अस्पताल में गलत इलाज के कारण एक मासूम बालक गोलू शाह की मौत हो गई थी। आरोपी डॉक्टर यूट्यूब देखकर ऑपरेशन कर रहा था, जिससे बालक की जान चली गई। बिहार पुलिस ने तेजी दिखाते हुए आरोपी डॉक्टर को गोपालगंज से गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी।
शहडोल में हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद निष्पक्ष जांच नहीं
इसके विपरीत, मध्य प्रदेश के शहडोल में हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। यहां की पुलिस और स्वास्थ्य विभाग फर्जी टीम बनाकर जांच की आड़ में आरोपियों को बचाने में जुटे हैं।
क्या शहडोल संभाग में जंगल राज चल रहा है?
मध्य प्रदेश का शहडोल संभाग अब जंगल राज का प्रतीक बनता जा रहा है, जहां अस्पतालों में लापरवाही से मौतें हो रही हैं, हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार किया जा रहा है और पुलिस-प्रशासन अपराधियों को संरक्षण दे रहा है।
मांग: ईमानदारी से निष्पक्ष जांच हो
शहडोल के नागरिकों और शिकायतकर्ताओं की मांग है कि श्रीराम हेल्थ केयर सेंटर की निष्पक्ष जांच की जाए, दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए जो आरोपियों को बचाने में लगे हैं।
राजेश कुमार विशन दासानी शहडोल मध्य प्रदेश