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किसानी मांगें केंद्र से संबंधित हैं, लेकिन इसका खामियाजा पंजाब को भुगतना पड़ रहा है

चंडीगढ़, 3 मार्च –
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों से बातचीत के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन आंदोलन के नाम पर आम लोगों को परेशान करने से बचना चाहिए।

आज पंजाब भवन में किसानों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है, इसलिए रेलों या सड़कों को रोकने से आम जनता को होने वाली परेशानी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाइयां आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी करती हैं, जिससे लोग आंदोलनकारियों के खिलाफ हो जाते हैं और समाज में फूट पड़ती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दुर्भाग्य से आम लोगों को ऐसे विरोध प्रदर्शनों के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ता है, जो पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही विरोध प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि इससे राज्य को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारी और उद्योगपति इस बात पर दुख व्यक्त कर रहे हैं कि बार-बार सड़कें और रेल मार्ग जाम करने से उनके व्यवसाय तबाह हो रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने किसानों से समाज में फूट डालने वाली ऐसी रणनीतियों से बचने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है, लेकिन उनकी सभी मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसान यूनियनों के लगातार विरोध प्रदर्शनों के कारण पंजाब और पंजाबियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एक उदाहरण देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि सड़कों को जाम करने से रोज़ाना हज़ारों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे अपने विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी करने से बचें, क्योंकि इससे लोगों के रोज़मर्रा के कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि रेलों और सड़कों को जाम करने से केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन आम लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि अब तक किसी भी नेता ने किसानों की समस्याएं सुनने के लिए उनसे इतनी बैठकें नहीं कीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये मुद्दे पंजाब सरकार से संबंधित न होने के बावजूद भी किसान अभी भी राज्य में विरोध प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह राज्य के किसानों के अधिकारों के संरक्षक हैं और उनके हितों की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के मसौदे को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कृषि और इसका विपणन राज्य का विषय है और इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह मसौदा केंद्र सरकार की पंजाब विरोधी और किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही केंद्र सरकार को लिखित जवाब भेजकर इस मसौदे का कड़ा विरोध कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस मसौदे को राज्य सरकार द्वारा पूरी तरह खारिज कर दिया गया है, क्योंकि यह राज्य के हितों के पूरी तरह खिलाफ है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह राज्य के किसानों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार पहले ही राज्य के लिए कृषि नीति का मसौदा तैयार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं और सभी के सुझाव प्राप्त होने के बाद इस नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सभी हितधारकों से जवाब मिलने के बाद ही नीति तैयार की जाएगी और 20 दिनों के भीतर सभी से प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो जाएंगी।

एक अन्य मुद्दे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को कृषि संकट से बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को कर्ज़ से मुक्त करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि उनकी भलाई सुनिश्चित की जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बढ़ती लागत और घटती आय के कारण राज्य के किसान संकट में हैं और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त किया कि केंद्र सरकार राज्य के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा भारत सरकार के समक्ष किसानों के मुद्दे उठाए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्य के किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार के ज़मीनी हकीकत से अनजान अर्थशास्त्रियों द्वारा किसान विरोधी नीतियां बनाई जा रही हैं, जिससे किसान परेशान हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के मेहनती किसानों के प्रति विरोधी रवैया अपनाया हुआ है, लेकिन राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों की कर्ज़ माफी का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से उठाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि उन्होंने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है।

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