सुनते हैं कि....

एनजीओ संचालिका का IAS डॉटर कनेक्शन-करोड़ों की फंडिंग  

राजधानी में खुद को समाजसेवी बताने वाली एक महिला...

‘मेरे पापा पावरफुल’

राजधानी भोपाल में बन रहे अत्याधुनिक बीजेपी दफ्तर को...

हिंदुत्व का असली रक्षक कौन?

2024 के आम चुनावों में बीजेपी अपने ट्रंप कार्ड...

कांग्रेस की खाली तिजोरी और उससे भी खाली वादे: एक विश्लेषण

कांग्रेस पार्टी, जो कभी भारत की राजनीति में एक मजबूत ताकत थी, आज अपनी आर्थिक स्थिति और विश्वसनीयता के संकट से जूझ रही है। हाल के वर्षों में पार्टी की वित्तीय हालत इतनी खराब हो गई है कि उसे अपने दैनिक खर्चों को चलाने में भी मुश्किल हो रही है। इसके बावजूद, कांग्रेस जनता से बड़े-बड़े वादे कर रही है, जो उसकी मौजूदा स्थिति को देखते हुए खोखले नजर आते हैं।

कांग्रेस की आर्थिक तंगी का सच
कांग्रेस की वित्तीय स्थिति पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में रही है। पार्टी के पास न तो चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त धन है और न ही संगठन को मजबूत करने के लिए संसाधन। सूत्रों के अनुसार, पार्टी कार्यालयों के किराए से लेकर कर्मचारियों की सैलरी तक, हर जगह फंड की कमी साफ दिखाई देती है। हाल ही में कांग्रेस ने दावा किया था कि उसके बैंक खाते सरकार द्वारा सील कर दिए गए हैं, लेकिन यह बहाना उनकी आर्थिक बदहाली को छिपा नहीं सकता।

वादों का ढोंग और जनता का भरोसा
कांग्रेस ने हाल के चुनावों में कई लोक-लुभावन वादे किए, जैसे गरीबों को मुफ्त राशन, महिलाओं को नकद सहायता, और युवाओं को रोजगार की गारंटी। लेकिन सवाल यह है कि जब पार्टी के पास खुद के खर्च चलाने के लिए पैसे नहीं हैं, तो वह इन वादों को कैसे पूरा करेगी? विशेषज्ञों का मानना है कि ये घोषणाएं सिर्फ वोट बैंक को लुभाने की कोशिश हैं, जिनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं।

विपक्षी एकता पर भी सवाल
कांग्रेस की कमजोर स्थिति का असर विपक्षी गठबंधन पर भी पड़ रहा है। जहां एक तरफ विपक्षी दल एकजुट होकर सत्तारूढ़ पार्टी को चुनौती देना चाहते हैं, वहीं कांग्रेस की आर्थिक और संगठनात्मक कमजोरी इस एकता को कमजोर कर रही है। कई क्षेत्रीय दल अब कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से पहले दो बार सोच रहे हैं।

क्या कांग्रेस कर पाएगी वापसी?
कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह साफ है कि पार्टी को अपनी रणनीति और प्राथमिकताओं पर फिर से विचार करना होगा। खाली तिजोरी के साथ खोखले वादे करना जनता को लुभाने का पुराना तरीका हो सकता है, लेकिन आज के मतदाता जागरूक हैं। अगर कांग्रेस को अपनी खोई हुई साख वापस पानी है, तो उसे पहले अपनी आर्थिक और संगठनात्मक कमजोरियों को दूर करना होगा।

संबंधित समाचार

जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने 12,468 करोड़ रुपये में ओ2 पावर का अधिग्रहण किया

मुंबई, 10 अप्रैल 2025: जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने अपनी हरित ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी की सहायक...

Amid earthquake recovery, WHO steps in to prevent dengue outbreaks in Myanmar

Myanmar | 10 April 2025: “We lost everything in the earthquake—then my daughter got sick with high fever,” Daw Nandar recalled, cradling her 8-year-old...

न्यायाधीश ऋषि तिवारी की स्मृति में तैतीसवाँ निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर सम्पन्न

87 का नेत्र परिक्षण, सात मरीज़ निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन हेतु चित्रकूट रवाना न्याधीश ऋषि तिवारी क़ी स्मृति में 10 अप्रैल 25  को ऋषिकेश फ़ाउंडेशन द्वारा...

ताज़ा समाचार

जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने 12,468 करोड़ रुपये में ओ2 पावर का अधिग्रहण किया

मुंबई, 10 अप्रैल 2025: जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने अपनी हरित...

Amid earthquake recovery, WHO steps in to prevent dengue outbreaks in Myanmar

Myanmar | 10 April 2025: “We lost everything in...

न्यायाधीश ऋषि तिवारी की स्मृति में तैतीसवाँ निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर सम्पन्न

87 का नेत्र परिक्षण, सात मरीज़ निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन...

सोशल मीडिया पर जुड़ें

560FansLike
245FollowersFollow
285FollowersFollow
320SubscribersSubscribe

विज्ञापन

spot_img