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संघर्ष से सफलता की मिसाल: सावित्री जिन्दल की प्रेरणादायक यात्रा (20 मार्च 2025, जन्मदिन विशेष)

श्रीमती सावित्री जिन्दल जी, जो वर्तमान में हरियाणा विधानसभा में हिसार से विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं, न केवल जिन्दल परिवार की धुरी हैं बल्कि समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। 1950 में तिनसुकिया (असम) में जन्मीं, वे श्री ओ.पी. जिन्दल जी की परछाई के रूप में समाजसेवा के मार्ग पर आगे बढ़ीं और इसी उद्देश्य से राजनीति में कदम रखा। वे ओ.पी. जिन्दल समूह की चेयरपर्सन एमेरिटस होने के साथ-साथ महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज-अग्रोहा की अध्यक्षा भी हैं, जहां वे शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं।

सादगी, त्याग और वात्सल्य की मूर्ति श्रीमती सावित्री जिन्दल जी, जैन समाज की अनुयायी हैं और गरीबों के लिए मसीहा की तरह कार्य कर रही हैं। उनका सरल स्वभाव, उनकी विनम्रता और समाज के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा उन्हें सभी का आदर्श बनाती हैं। हिसार के गौरव और भारत के सम्मान के रूप में, वे अपने कार्यों के माध्यम से शिक्षा, चिकित्सा और समाजसेवा में नए आयाम स्थापित कर रही हैं।

20 मार्च 2025 को उनका जन्मदिन न केवल उनके जीवन की उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि एक ऐसी शख्सियत की कहानी है, जिसने संघर्ष को अपनी ताकत बनाकर पूरी दुनिया के सामने सफलता का एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया।

श्रीमती सावित्री जिन्दल का जीवन प्रेरणा का स्रोत है। 2005 में अपने पति श्री ओम प्रकाश जिन्दल जी के असामयिक निधन के बाद उन्होंने न सिर्फ परिवार को संभाला, बल्कि उनके सपनों को साकार करने का भी संकल्प लिया। एक गृहिणी से उद्योगपति, समाजसेवी और समर्पित राजनीतिज्ञ बनने का उनका सफर दृढ़ता और उनकी मेहनत का प्रतीक है। आज फोर्ब्स की सूची में भारत की सबसे धनी महिलाओं में शुमार श्रीमती सावित्री जिन्दल की संपत्ति 2024 में 34.4 बिलियन डॉलर आंकी गई है।

उनका संघर्ष सिर्फ व्यवसाय तक सीमित नहीं रहा बल्कि 2005 और 2009 में हिसार से विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में हरियाणा प्रदेश को अपनी सेवाएं दीं, और विशेष रूप से शहरी स्थानीय निकाय मंत्री के रूप में उन्होंने हरियाणा के शहरों को स्वच्छ, सुंदर और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर किया। राजस्व राज्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने हरियाणा प्रदेश को अपनी सेवाएं दी हैं। 2024 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 49,231 वोटों के साथ उन्होंने हिसार विधानसभा क्षेत्र से शानदार जीत दर्ज की। इस जीत के बाद उन्होंने कहा, “यह हिसार परिवार की जीत है। मैं इसे देश के अग्रणी शहरों में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” प्रदेश में बीजेपी सरकार को समर्थन देकर उन्होंने राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया। हिसार के विकास में उनकी भूमिका, खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल आदि क्षेत्र में, उल्लेखनीय है।

श्रीमती सावित्री जिन्दल महिलाओं के सशक्तिकरण की प्रबल समर्थक हैं। उनका मानना है कि शिक्षा वह शक्ति है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाती है। वे कहती हैं, “अगर लड़कियों को समान अवसर मिलें, तो वे भी व्यावसायिक जगत में ऊंचाइयां छू सकती हैं।” किरण मजूमदार, फाल्गुनी नायर और इंदिरा नूई जैसी महिलाओं का उदाहरण देते हुए वह युवतियों को प्रेरित करती हैं।

उनके नेतृत्व में ओ.पी. जिन्दल ग्रुप स्टील, ऊर्जा, खनन, इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत अनेक क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। सादगी और सबको साथ लेकर चलने की उनकी सोच उन्हें युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनाती है। वे कहती हैं, “मिलजुल कर प्रेमपूर्वक रहें, ईमानदारी से कार्य करें, सफलता अवश्य मिलेगी।”

श्रीमती सावित्री जिन्दल जी के मार्गदर्शन में श्री ओ.पी. जिन्दल जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को उनके बेटे श्री पृथ्वीराज जिन्दल, श्री सज्जन जिन्दल, श्री रतन जिन्दल और श्री नवीन जिन्दल क्रमशः जिन्दल सॉ, जेएसडब्ल्यू, जेएसएल और जेएसपी के माध्यम से साकार कर रहे हैं। अब उनकी तीसरी पीढ़ी की सुश्री स्मिनू जिन्दल, श्री पार्थ जिन्दल, श्री अभ्युदय जिन्दल और श्री वेंकटेश जिन्दल भी राष्ट्र निर्माण के कार्य में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहे हैं।

श्रीमती सावित्री जिन्दल का जीवन सिखाता है कि संघर्ष के बिना सफलता अधूरी है। ईश्वर में अटूट आस्था, कर्मचारियों को परिवार का सदस्य मानने की उनकी दृष्टि, राजनीति के माध्यम से जनसेवा और परिवार को प्रेम का केंद्र बनाकर उन्होंने पूरी दुनिया को एक अच्छा जीवन जीने का सूत्र दिया है। उनकी नेतृत्व क्षमता, सामाजिक योगदान और महिलाओं के उत्थान के प्रति उनका समर्पण उन्हें एक असाधारण व्यक्तित्व बनाते हैं। उनका संकल्प हिसार को मॉडल शहर बनाने का है, और यह दृढ़ता आज की पीढ़ी को बताती है कि बुलंद हौसले के आगे कोई बाधा टिक नहीं सकती।

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