नई दिल्ली |
देश की 10 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगी संगठनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आज देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियनों का आरोप है कि सरकार की मौजूदा नीतियां मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक हैं, जिससे आम जनता और श्रमिक वर्ग का शोषण हो रहा है।
हड़ताल में शामिल प्रमुख संगठन हैं:
— भारतीय मजदूर संघ (BMS)
— ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
— सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU)
— हिंद मजदूर सभा (HMS)
— सीटू, इंटक, एआईयूटीयूसी, एलपीएफ, यूटीयूसी, और सेवा
इन संगठनों ने मिलकर सरकार से निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
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श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधनों को वापस लिया जाए
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महंगाई पर नियंत्रण हो
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न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की जाए
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किसान आंदोलन की मांगों को पूरा किया जाए
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निजीकरण की नीतियों को बंद किया जाए
हड़ताल का असर देश के कई हिस्सों में देखने को मिला, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों, बंदरगाहों, बैंकिंग और परिवहन सेवाओं पर। कई राज्यों में ट्रेड यूनियन के समर्थन में प्रदर्शन हुए, जबकि कुछ जगहों पर प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए।
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि यह आंदोलन “देश के श्रमिकों और किसानों के हक की लड़ाई” है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं।