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रजिस्ट्रियों का काम शुरू करवाने के लिए खरड़, बनूड़ और जीरकपुर के तहसील कार्यालयों का तूफानी दौरा

वसूली के लिए लाइसेंस मांगते हैं प्रदर्शनकारी तहसीलदार

राज्य सरकार की ओर से भ्रष्टाचार के प्रति कोई रियायत न बरतने की नीति सख्ती से लागू

एस.ए.एस. नगर (मोहाली), 4 मार्च
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रदर्शनकारी तहसीलदारों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए आज साफ तौर पर कहा कि राज्य सरकार भ्रष्ट अफसरों के आगे नहीं झुकेगी जो वसूली के आरोपों में पुलिस कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आज खरड़, बनूड़ और जीरकपुर के तहसील कार्यालयों में रजिस्ट्रियों का काम शुरू करवाने के लिए इन तहसीलों का तूफानी दौरा किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ विजिलेंस की कार्रवाई के कारण सामूहिक छुट्टी पर चले गए हैं। उन्होंने कहा, “आप सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के प्रति कोई रियायत न बरतने की नीति पर पहरा दिया जा रहा है पर इस बात का दुख है कि सामूहिक छुट्टी पर गए ये अधिकारी भ्रष्टाचार के लिए लाइसेंस मांग रहे हैं। हम सरकार की बांह मरोड़ने की ऐसी चालों के आगे नहीं झुकेंगे और इन भ्रष्ट और घमंडी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व अधिकारियों द्वारा सरकार पर दबाव बनाने के ऐसे हथकंडों को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा और इनके खिलाफ उदाहरणीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में नए तहसीलदार और राजस्व अधिकारी भर्ती करेगी जिसके लिए कैबिनेट में एजेंडा लाया जाएगा।
भगवंत सिंह मान ने साफ तौर पर कहा, “यह अधिकारी आम लोगों को हर रोज परेशान करते हैं पर इसे और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और सरकार इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिक छुट्टी पर गए इन अफसरों को एक बात समझ लेनी चाहिए कि छुट्टी के बाद उन्हें कब और कहां जॉइन करना है, इसका फैसला अब लोग करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास ऐसी चालों से निपटने के लिए प्लान-बी तैयार है और अगर जरूरत पड़ी तो सरकार तहसीलदारों की शक्तियां शिक्षकों और प्रोफेसरों को देने से भी पीछे नहीं हटेगी ताकि रजिस्ट्रियों का कामकाज निर्बाध जारी रखा जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार हर कीमत पर आम लोगों के हित सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है और हमारी शराफत को कोई कमजोरी समझने की हिम्मत न करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व अधिकारियों की सामूहिक छुट्टी के कारण आम लोगों को होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए पी.सी.एस. अधिकारी, कानूनगो और सीनियर सहायक (जो नायब तहसीलदार की तरक्की के लिए सभी विभागीय परीक्षाएं पास कर चुके हैं) को तहसीलों का काम जारी रखने के लिए सब-रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ताकत लोगों के हाथ होती है और उनकी सरकार किसी को भी, चाहे वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो, को लोगों के लिए परेशानियां खड़ी नहीं करने देगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि तहसीलों में काम नहीं रुकेगा और जमीन-जायदाद की रजिस्ट्रियों का काम बेरोक जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अफसर राज्य सरकार से मोटी तनख्वाहें ले रहे हैं पर लोगों को सेवाएं नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि इसे सहन नहीं किया जा सकता क्योंकि लोकतंत्र में लोग सबसे ऊपर हैं और अधिकारी उनके प्रति जवाबदेह हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अगर ये अधिकारी सामूहिक छुट्टी पर जाना चाहते हैं और काम नहीं करना चाहते तो राज्य सरकार के पास बहुत सारे बेरोजगार नौजवान हैं जो पहले ही उनकी जगह काम करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 10 दिनों के लिए वे काम को सुचारू बनाने के लिए राज्य भर की विभिन्न तहसीलों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि तहसीलदार अपने भ्रष्ट तरीकों से कई पीढ़ियों से लोगों को परेशान कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित और अवांछनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन अधिकारियों को मनमानी नहीं करने देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न किसान यूनियनों के बीच ‘क्रेडिट वॉर’ चल रहा है जो समानांतर सरकार चलाकर अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने फिर कहा कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है। हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि रेलों या सड़कों को रोककर आम लोगों को परेशानी में डालने से बचना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कार्रवाई आम लोगों को परेशानी में डाल देती है जिससे वे आंदोलनकारियों के खिलाफ हो जाते हैं जिससे समाज में फूट पड़ती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दुर्भाग्य से आम लोगों को ऐसे विरोध प्रदर्शनों के कारण बहुत नुकसान झेलना पड़ता है जो कि पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने कहा कि भले ही प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि इस कार्रवाई से राज्य को बड़ा नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे के खात्मे के लिए मजबूत रणनीति बनाई है। उन्होंने कहा कि नशे की सप्लाई लाइन तोड़ दी गई है और बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस अभिशाप के खिलाफ युद्ध जारी है और इस घिनौने अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने लुधियाना जिले के नारंगवाल गांव का उदाहरण दिया जहां पिछले हफ्ते नशा तस्कर की अवैध संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्करों की संपत्तियों को जब्त/ध्वस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशों के प्रति कोई रियायत न बरतने की नीति अपनाई हुई है और इस अभिशाप को जड़ से उखाड़ने के लिए निर्णायक युद्ध शुरू किया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशों के खिलाफ युद्ध को जन आंदोलन में बदला जा रहा है ताकि पंजाब को पूरी तरह से नशा मुक्त बनाया जा सके।

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