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सी पी जोशी की ताजपोशी, केंद्रीय नेतृत्व का सन्देश या वसुंधरा का प्रभाव

चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी राजस्थान बीजेपी की कमान संभाल चुके हैं हाल ही में उन्होंने जयपुर में पदभार ग्रहण किया अब राजस्थान विधान सभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए उनके सामने कई चुनौतियां मुँह बाये खड़ी है, उन्हें जहां एक तरफ वसुंधरा राजे से लेकर सतीश पूनिया और गजेन्द्र सिंह शेखावत जैसे नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश करनी होगी वहीं किरोड़ीलाल मीणा जैसे नेताओं को साथ लेकर पूर्वी राजस्थान में जमीन मजबूत करनी होगी। ब्राह्मण जाति से होने के साथ ही जोशी को सर्व समाज का नेता माना जाता है।

सीपी जोशी का प्रभाव कहां तक होगा इसके पैमाने की शुरुआत हो चुकी है. पहले बात तो यह सामने आ रही है कि सीपी जोशी मेवाड़ और वागड़ में अपना कितना परचम लहरा पाएंगे। सीपी जोशी चितौड़ से सांसद है लिहाजा मेवाड़ की राजनीति का उनके अध्यक्ष बनने से प्रभावित होना तय है, यहां तो उनका प्रभाव .. ..राजस्थान की राजनीति के मिजाज में मेवाड़-वागड़ की अलग पहचान है। कहा जाता है यहां से जिस पार्टी की चुनावी आंधी चलती है उसी को राजस्थान पर राज करने का अवसर मिलता है। मेवाड़-वागड़ की राजनीति अलग रही है, यहां से उपजे सियासी संदेश को पूरे प्रदेश ने स्वीकारा है. बीजेपी में तो ये खास है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि चाहे परिवर्तन यात्रा हो या फिर सुराज संकल्पयात्रा, वसुंधरा राजे ने यात्रा की शुरुआत मेवाड़ की धरती से ही की थी। सीपी जोशी भली भांति जानते है कि बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष का पद कांटो का ताज है।

चुनावी साल मे ऐसी जिम्मेदारी मिलने के बारे में उन्होंने सपने में भी नही सोचा होगा। सीनियर्स उनकी ताजपोशी को कितना हजम पाएंगे. ये कहना अभी मुश्किल है लेकिन यह तो तय हो गया कि वो खुद साफा या माला पहनने में समय जाया करने के बजाय चुनावी एजेंडे पर काम करना चाहेगे।

बीजेपी के राज्य अध्यक्ष बनने के बाद सीपी जोशी ने कहा कि मेरे लिए यह कोई चुनौती नहीं है और यह पार्टी की सामान्य रूटीन प्रक्रिया है और हम सभी मिलकर आपदा को अवसर में बदलने का काम करेंगे। बीजेपी में किसी भी तरह की गुटबाजी नहीं है और हम सभी मिलकर टीम राजस्थान बनकर काम करेंगे। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि गुटबाजी और खींचतान कहीं है तो वह कांग्रेस के पाले में दिखती है जहां उनके ही मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री के फैसले पर सवाल उठाते हैं।

श्री जोशी मानते हैं गहलोत सरकार में पिछले 4 सालों में सिर्फ घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं हुआ जिसे देखकर साफ जाहिर है कि कहां पर गुटबाजी है. वहीं बीजेपी के सीएम चेहरे को लेकर जोशी ने कहा कि हमारा संसदीय बोर्ड इसका समय आने पर फैसला करेगा। वहीं पार्टी के भीतर गुटबाजी की चर्चाओं को खारिज करते हुए जोशी ने कहा कि मुझे ऐसा कहीं नहीं दिखाई देता है और हमारी पार्टी में सभी लोगों का सहयोग मुझे हमेशा मिला है।

सीपी जोशी एक परिचय


नवनियुक्त भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी.पी.जोशी ने करीब 29 साल पहले छात्र राजनीति से अपना राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। सांसद एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जोशी का जन्म 4 नवम्बर 1975 को हुआ। वे वर्ष 1994-95 में चित्तौड़गढ़ राजकीय महाविद्यालय में छात्रसंघ उपाध्यक्ष बने। इसके बाद वे 1995-96 में  छात्र संघ अध्यक्ष बनें। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा और वर्ष 2000 से 2005 तक जिला परिषद के सदस्य रहे। वर्ष 2005 में भदेसर पंचायत समिति का चुनाव लड़ा और जीत कर भदेसर के उपप्रधान बने। वर्ष 2010 तक उपप्रधान रहने के बाद उन्हें वर्ष 2014 में चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया और वे पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद वर्ष 2019 में दूसरी बार लगातार चित्तौड़गढ़ के सांसद बने।

‘मैं किसी गुट का नहीं हूं’
जोशी ने गुटबाजी पर आगे कहा कि मैं सिर्फ पार्टी का सदस्य हूं और किसी गुट का नहीं हूं. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में अनुभवी और जननेता हैं जिनका लाभ हमें चुनावों में मिलेगा. हर कार्यकर्ता को समय के साथ नई जिम्मेदारी मिलती है और मुझे दायित्व देना उसी प्रक्रिया का हिस्सा है। बीजेपी ने सीपी जोशी को कमान सौंप कर न सिर्फ गुटबाजी पर लगाम लगाने की कोशिश की बल्कि ऐसा लगता है कि भाजपा आला कमान ने वसुंधरा राजे गुट को रिलीफ देने की भी कोशिश की है। क्योंकि ये देखा गया है कि पूनिया के कार्यकाल के दौरान वसुंधरा गुट का उन्हें समर्थन नहीं मिला।

राजस्थान में बीजेपी के नए प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने आगामी चुनाव को देखते हुए नई रणनीति बनाई है। विधानसभा चुनावों को जीतने के लिए बीजेपी नए वॉलेंटियर की फौज मैदान में उतारने जा रही है। इन वॉलेंटियर का नाम दिया गया है ‘नमो वॉलेंटियर’। प्रदेश में 8 हजार नमो वॉलेंटियर उतारे जा रहे हैं। ये वॉलेंटियर प्रदेश के 11 लाख पन्ना प्रमुखों और 50 हजार बूथ प्रभारियों के बीच की कड़ी होंगे। इन्हें समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहले चरण में 1 अप्रेल से 13 अप्रेल तक नए नमो वॉलेंटियर को फिल्ड में उतारा जा रहा है। 

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