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राजस्थान की लाल डायरी – काले कारनामे की पोथी या फिर सियासी डायरी ड्रामा

राजस्थान की सियासत में इन दिनों दो बातों को लेकर बवाल मचा है एक तो लाल टमाटर और दूसरा लाल डायरी। इनमें लाल टमाटर तो आम जनता से जुड़ा है जबकि लाल डायरी ने तो राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है। अपने चुनाव प्रचार का शंखनाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पश्चिमी राजस्थान के सीकर दौरे में सांवली सर्किल पर आयोजित किसान सम्मेलन के बाद रखी गई सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यहां की कांग्रेस सरकार को लाल डायरी के नाम पर घेरा। सीकर में सरकारी कार्यक्रम के बाद भाजपा पार्टी की ओर से रखी गई जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में चर्चाओं में आई लाल डायरी का पूरे दो मिनट तक ज़िक्र किया।


नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर घोटाले की सरकार का आरोप लगाते हुए यह भी कहा लाल डायरी चुनाव में कांग्रेस का डिब्बा गोल कर देगी। राजस्थान सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने लाल डायरी का मुद्दा उठाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े से बड़े नेताओं की इस लाल डायरी का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है। लेकिन यह लाल डायरी इस चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गोल करने जा रही है। उन्होंने किसान सभा में लोगों के खातों में 17 हजार करोड़ रुपए भी ट्रांसफर किए।
आरोप-प्रत्यारोपों के दौर चालू हो चुके हैं। विधानसभा चुनाव में अभी समय है लेकिन उससे पहले ही प्रदेश की राजनीति में कथित लाल डायरी को लेकर भूचाल मचा हुआ है। कांग्रेस के ही पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के आरोपों से सरकार की जबरदस्त किरकिरी हो रही है। गुढ़ा के आरोपों के सहारे भारतीय जनता पार्टी भी गहलोत सरकार पर हमलावर है। इस पूरे बवाल में लाल डायरी का नाम बार बार लिया जा रहा है।
उधर गुढ़ा जी की माने तो इस लाल डायरी में कई राज लिखे हुए हैं, जिससे गहलोत सरकार पर आफत का पहाड़ टूट सकता है। इसके अंदर कई ऐसे कारनामे दर्ज हैं जो गहलोत सरकार के लिए फंदा साबित हो सकते हैं। हालांकि गुढ़ा का आरोप है कि विधानसभा के अंदर मुझसे लाल डायरी का आधा हिस्सा छीन लिया गया, लेकिन इसका आधा हिस्सा अभी भी मेरे पास है। उन्होंने कहा कि इस हिस्से में गहलोत सरकार के बहुत सारे काले कारनामे हैं,  राज्यसभा चुनाव में विधायकों को क्या क्या प्रलोभन दिया, आरसीए  के चुनाव में आपने किस किसको पैसे दिए, वगैरह-वगैरह। पर क्या इस बात पर यकीन किया जा सकता है कि जिस डायरी में इतने राज दर्ज हो उसको पिछले 3 साल से अशोक गहलोत ने राजेंद्र सिंह गुढ़ा को सुरक्षित रखने के लिए दे रखा होगा।
लाल डायरी को लेकर बीजेपी भी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है। केन्द्रीय मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कह डाला कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बताएं यह लाल डायरी क्या है? इसे लेकर सरकार में बेचैनी और घबराहट क्यों है? उन्होंने कहा कि इस लाल डायरी का रहस्य पूरा राजस्थान जानना चाहता है। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने अपने पलटवार में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की लाल डायरी कपोल कल्पित है उस पर बात करने की बजाय लाल टमाटर, लाल गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों, महंगाई से लाल हुए लोगों के  चेहरों पर बात करनी चाहिए। आने वाले वक्त में जनता भाजपा को लाल झंडी दिखाएगी।
इसी डायरी को लेकर विधायक राजेंद्र गुढ़ा और बीजेपी के सदस्यों ने गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा कर रखा है। आरोप है कि इस लाल डायरी में अशोक गहलोत के बड़े राज छिपे हुए हैं।
इस पूरे प्रकरण की धूरी है कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र राठौड़ जो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे वफादार और विश्वसनीय नेता माने जाते हैं। लाल डायरी राठौड़ के जयपुर सी स्कीम स्थित सोमदत्त अपार्टमेंट की नौवीं मंजिल स्थित फ्लैट से लाना बताया जा रहा है। धर्मेन्द्र राठौड़ भले ही चुने हुए जनप्रतिनिधि ना हो लेकिन वे चुनावी मैनेजमेंट के माहिर है। गहलोत द्वारा बनाई जाने वाली हर चुनावी रणनीति में उनके सबसे विश्वासपात्र नेताओं में पहला नाम धर्मेन्द्र राठौड़ का आता है। चुनावों के समय चाहे टिकट वितरण की बात हो या चुनाव जीतने की रणनीति बनानी हो। ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों में राठौड़ की सलाह गहलोत के लिए बड़ी अहम मानी जाती रही है। अब प्रश्न यह है कि उन्हीं की सरकार के, उन्हीं के मंत्रिमंडल के सदस्य जब सरकार पर सवाल खड़े कर रहे है तो सरकार कैसे अपने आप को पाक साफ साबित करेगी।

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