वैसे तो आज इस लेख में मैं कोई बहुत नयी बात नहीं लिखने जा रहा हूं, विषय बहुत आम परंतु उतना ही ख़ास है, मानसून में होने वाली बीमारियां उनके लक्षण एवं निदान। सब कुछ आपको सुना सुना सा लगेगा बहुत कुछ आपको पता भी होगा, फिर भी आप ध्यान नहीँ रख पाते होंगे क्यूंकि ह्यूमन नेचर ही ऐसा होता है। तो पहले पॉइंट आउट करते हैँ मानसून की प्रमुख बीमारियों के नाम।
1. मच्छरों से होने वाली तीन प्रमुख बीमारियां क्रमशः मलेरिया डेंगू एवं चिकनगुनिआ
2. दूषित खान पान से होने वाली बीमारियां क्रमशः गैस्ट्रोएंट्राइटिस, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ऐ एवं हेपेटाइटिस इ
3. तापमान परिवर्तन एवं उमस से होने वाली बीमारियां जैसे एलर्जी, फंगल इनफेक्शंस एवं रेस्पिरेट्री इंफेक्शन
4. धूप की कमी से विटामिन डी की कमी शरीर की इम्यूनिटी को कम करती है
आइए थोड़ा विस्तार से समझते हैं

डेंगू : – एक वायरल बीमारी है जो मादा एडीज़ मच्छर के काटने से होता है जिसे टाइगर मॉस्किटो भी कहा जाता है आमतौर पर दिन के समय या शाम के समय यह मच्छर काटता है खून मे थक्का जमाने वाले प्लेटलेट्स की कमी होने से हेमोरेजिक फीवर एवं कैपिलरी लीक सिंड्रोम होने से यह बीमारी प्राणघातक हो सकती हैं
डेंगू के लक्षण :
1. बुखार एवं तेज सिर दर्द
2. मांसपेशियां कमर एवं जोड़ों में दर्द
3. उल्टी एवं जी मिचलाना
4. स्किन पर rashes लाल दाने आना
5. प्लेटलेट्स की कमी होने के कारण से नाक एवं मसूड़ों से खून आना
ध्यान न देने पर एवं कॉम्प्लिकेशंस आने पर मल्टी ऑर्गन फैलियर भी हो सकता है इस तरह के लक्ष्मण आने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करानी चाहिए

चिकनगुनिया :- यह बीमारी भी एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाली एक वायरल डिजीज है जिस के लक्षण करीब 2 हफ्ते तक रह सकते हैं कम प्रतिरोधक क्षमता वालों में यह बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है
लक्षण :-
1. सर दर्द और बुखार
2. जोड़ों में तेज दर्द
3. चक्कर आना उल्टी एवं जी मिचलाना
4. गले में दर्द खराश एवं पेट में दर्द
मलेरिया :- मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है एक आम बुखार से लेकर प्राणघातक बीमारी हे मलेरिया बुखार
लक्षण :-
1. ठंड के साथ तेज बुखार
2. चक्कर आना उल्टी होना जी मिचलाना
3. शरीर में तेज दर्द होना
4. ध्यान न देने पर मल्टी ऑर्गन फेलियर भी हो सकता है

टाइफाइड एवं गैस्ट्रोएंट्राइटिस :- गन्दा खाना एवं पानी से होने वाली बीमारी जो ध्यान ना देने पर चार घातक हो सकती है पेट दर्द से लेकर उल्टी एवं दस्त लगने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है जिसके कारण मल्टी ऑर्गन इंवॉल्वमेंट हो सकता है टाइफाइड के कारण पेट में छाले भी पढ़ सकते हैं परिस्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
इसी तरह से हेपेटाइटिस ए एवं हेपेटाइटिस ई वायरस भी गंदा खाने-पीने की वस्तु से हो सकता है जिसमें फीवर के साथ में लीवर के ऊपर एक तरह की सूजन होती है एवं पीलिया भी हो सकता है समय पर उचित इलाज ना किया जाए तो यह भी जानलेवा हो जाता है।
वायरल फीवर एवं फ्लू :-
मानसून में होने वाला अचानक तापमान का परिवर्तन एवं उमस वायरल फीवर एवं इन्फ्लूएंजा का कारण हो सकती है। इस तरह का वायरल इनफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तुरंत फैलता है और अगर उचित समय पर इलाज न किया जाए तो यह एक प्राणघातक निमोनिया में बदल सकता है
मानसून की बीमारियों से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल
1. हेल्दी फूड एवं मौसमी फल सब्जियां खाएं परंतु सब्जियों को ठीक तरह से साफ करने का ध्यान रखें
2. साफ पानी एवं फ्रेश जूस का सेवन करें
3. इस तरह के कपड़े पहने जो शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें
4. हंसते-हंसते समय मुंह को ढके
5. घर के आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें
6. शाम के समय घर के खिड़की एवं दरवाजे बंद रखें
7. रात के सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
8. पर्सनल हाइजीन का विशेष ध्यान रखें
9. घर के अंदर पर्याप्त वेंटिलेशन रखें एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं
ध्यान रखिए सोसाइटी एवं समाज में प्रत्येक व्यक्ति का इन्वॉल्व होकर इन सभी पहलुओं पर कार्य करना बेहद ज़रूरी है, आदमी अकेले कुछ भी नहीं कर सकता है और सारी जिम्मेदारी सरकार की भी नहीं हो सकती, आपकी अपनी सुरक्षा आपके स्वयं के हाथ में है एवं सरकार कुछ पहलुओं पर आपकी मदद कर सकती है इसलिए मेरा आप सभी से अनुरोध है कि अपनी और अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखें, किसी भी बीमारी को बिगड़ने के पहले ही तुरंत डॉक्टर के पास जाके उचित सलाह लें, हमेशा स्वस्थ रहें प्रसन्न रहें,
क्यूंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है,स्वस्थ मस्तिष्क ही एक स्वस्थ समाज एवं स्वस्थ समाज ही देश का विकास कर सकता है।