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धर्मशाला : सबसे ख़ूबसूरत और अनूठा पर्यटन स्थल

हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में स्थित धर्मशाला एक बहुत ही ख़ूबसूरत और अनूठा पर्यटन स्थल है। यह जगह बाकी पर्यटन स्थलों से इतनी अलग और अनोखी है कि देखकर दिल ख़ुश हो जाता है। इसलिए इस जगह पर हर किसी को एक ना एक बार ज़रूर जाना चाहिए और यहाँ के पर्यटन स्थलों को एंजोय करना चाहिए। आपको बता दूं कि धर्मशाला शब्द धरम और शाला दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है धार्मिक अथवा आध्यात्मिक आवास और यह जगह बिल्कुल ही अपने अर्थ के अनुकूल जान पड़ती है। 

धर्मशाला का इतिहास

धर्मशाला शुरू से ही एक ऐतिहासिक जगह रही है। इस जगह पर कभी कटोच वंश का शासन रहा था। फिर भारत पर जब  ब्रिटिश हुकूमत का शासन आया तो 1848 में यह जगह अंग्रेजों के अधीन आ गई। 1860 में वे ही इस जगह पर नेपाली सैनिकों को लेकर आए जिन्हें गोरखा कहा जाता था। हर हिल स्टेशन की तरह यहाँ का तापमान भी ब्रिटिश लोगों के अनुकूल था। इसलिए शुरुआत से ही यह अंग्रेजों के बीच लोकप्रिय रहा। ब्रिटिश अधिकारी इस जगह पर गर्मी से बचने और अपनी छुट्टियों को मानने के लिए आया करते थे। 1905 में आया भूकंप इस जगह के लिए एक बहुत भारी तबाही लेकर आया जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए और पूरा नगर तबाह हो गया। इस जगह के पुनर्निर्माण का श्रेय गोरखा समुदाय को जाता है। 

वर्तमान में यह देश का एक बहुत ही ख़ूबसूरत और महत्वपूर्ण पर्यटनस्थल है। इस जगह पर कई ऐसी जगहें हैं जिन्हें देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। आइए धर्मशाला घूमने की कुछ महत्वपूर्ण जगहें के बारे में जानते हैं। अगर आप धर्मशाला आते हैं तो इन जगहों पर जाना बिल्कुल भी नहीं भूलिए।  

डल झील, धर्मशाला 

डल जील का नाम आते ही हमारे मन में जम्मू और कश्मीर की तस्वीर उभरने लगती है पर यह उससे अलग हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित है। यह जगह बहुत ही ख़ूबसूरत है और ऊँचे ऊँचे देवदार के पेड़ों के बीचोंबीच स्थित झील का नज़ारा देखते ही बनता है। इस जगह के शांत और मनोरम वातावरण में समय बिताना मन को तरोताज़ा कर देता है। इस जगह पर बोटिंग की भी सुविधा है इसलिए नौकायान को पसंद करने वाले लोग इस जगह पर आपको बोटिंग करते हुए दिख जायेंगे। इस झील के पास ही एक मंदिर भी स्थित है जिसे ऋषि दुर्वासा का मंदिर बताया जाता है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए भी लोग इस जगह पर आते हैं।  

त्रिउंड हिल, धर्मशाला 

धर्मशाला में धर्म और अध्यात्म के साथ साथ साहसिक पर्यटन का भी काफ़ी अच्छा क्रेज़ है। धर्मशाला से तक़रीबन पंद्रह किमी की दूरी पर स्थित त्रिउंड हिल एक ऐसी ही जगह है। इस जगह पर वह लोग आते हैं जिन्हें एडवेंचरस ऐक्टिविटी करना पसंद होता है। इस जगह पर आपको कैम्पिंग, ट्रेकिंग का काफ़ी अच्छा विकल्प है जिसकी वजह से देश भर से लोग आते हैं। पिकनिक मानने के लिए भी इस जगह पर लोग आते हैं और यहाँ के शांत और मनोरम वातावरण में अपनों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। 

नामग्याल मठ, धर्मशाला

इस जगह को तिब्बती संस्कृति और बौद्ध धर्म का समागम कहा जाता है। इस जगह पर बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की काफी बड़ी संख्या है। जिसकी वजह से इस जगह पर आपको बहुत सारे बौद्ध मठ भी मिल जायेंगे। नामग्याल मठ भी उन्हीं में से एक है। ऐसा  बताया जाता है कि इस मठ की स्थापना 16वीं सदी में दलाई लामा द्वितीय ने की थी। यह जगह इस लिहाज़ से भी काफ़ी ख़ास कही जाती है क्योंकि इस जगह पर ही तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा का निवास स्थान है। जिसे देखने के लिए आज देश भर से लोग आते हैं। 

कांगड़ा आर्ट संग्राहलय 

कांगड़ा आर्ट संग्राहलय धर्मशाला की ख़ास जगहों में से एक है। बस स्टैंड के बिल्कुल पास में स्थित इस जगह पर आपको देखने और समझने के लायक़ काफ़ी कुछ है। इस जगह पर तिब्बतियों और बौध की कई शानदार आकृतियों और उनके इतिहास को दर्शाया गया है। इस संग्रहालय में आकर आप पुराने गहने, दुर्लभ सिक्के, पेन्टिंगस, मूर्तियाँ और पुराने मिट्टी के बर्तनों को देख सकते है। इस जगह पर काँगड़ा की संस्कृति को बहुत ही अच्छी तरह से दर्शाया गया है जहां पर बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई चीज़ों को देखा जा सकता है। 

धर्मशाला में देखने लायक जगह मसरूर रॉक कट मंदिर 

धर्मशाला में स्थित मसरूर रॉक कट मंदिर को अपनी प्राचीनता और ख़ूबसूरत बनावट के लिए जाना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि इंडो आर्यन शैली में बने यहाँ के मंदिरों का निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था। सभी 15 रॉक कट मंदिर पत्थरों के ठोस टुकड़े से बनाए हैं तथा भगवान शिव और विष्णु को समर्पित हैं। धर्मशाला आने वाले सैलानी इस मंदिर को देखना बिल्कुल भी नहीं भूलते हैं।

धर्मशाला में देखने वाली जगह युद्ध स्मारक 

इस मेमोरियल में भारतीय सैनिकों के शौर्य और वीरता को दर्शाया गया है। इस जगह पर उन सभी सैनिकों के नाम आपको पत्थरों पर लिखे मिल जायेंगे जिन्होंने युद्ध में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। 

धर्मशाला की सबसे लोप्रिय जगह भाग्सू झरना 

भागसू झरना धर्मशाला के सबसे खुबसूरत जगहों में शुमार की जाती है। यह जगह मैक्लोडगंज और धर्मशाला रोड पर स्थित है जहां पहुंचने के लिए एक दो किमी की ट्रेकिंग भी करनी पड़ती है। ट्रेकिंग के दौरान आपको आसपास बेहद ही ख़ूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं। जिसकी वजह से प्रकृति प्रेमियों की सबसे ख़ास जगह मानी जाती है। वाटर फॉल के बिल्कुल पास में ही भगवान शिव को समर्पित भागसुनाथ मंदिर भी स्थित है जहां पर लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।

धर्मशाला में देखने लायक जगह कांगड़ा किला 

धर्मशाला से तक़रीबन 20 किलोमीटर दूर और कांगड़ा शहर के बिल्कुल नज़दीक कांगड़ा किला स्थित है जोकि भारत के सबसे प्राचीन किलों में शुमार किया जाता है। कुछ लोग कहते हैं कि एलेग्जेंडर के भारत पर आक्रमण के पहले से यह क़िला इस जगह पर मौजूद था। इस भव्य क़िले को देखना काफ़ी रोमांचक अनुभव देता है। इसकी बनावट और वास्तुकला को देखकर मन ख़ुश हो जाता है। इस जगह पर आकर यहाँ का वॉच टॉवर देखना बिल्कुल भी नहीं भूलें। यहाँ पर आकर लक्ष्मी नारायण मंदिर और आदित्यनाथ मंदिर भी आप देख सकते हैं।

धर्मशाला कैसे पहुंचे 

धर्मशाला के लिए सड़क मार्क से पहुँचना सबसे अच्छा विकल्प है। नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट है जोकि यहाँ से 85 किमी दूर है। नज़दीकी हवाई अड्डा गग्गल धर्मशाला से महज़ 13 किलोमीटर दूर है लेकिन यह कुछ सिमित शहरो से ही जुड़ा है। इस जगह पर आप अपनी निजी कार से भी आ सकते हैं। 

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